
भगवान् की कृपा धन, संपत्ति, ऐश्वर्य, वैभव, मान-सम्मान, पदवी, प्रतिष्ठा आदि नहीं...
सृष्टि-प्रारम्भ काल में सप्तऋषि भगवान शिव से प्राप्त ज्ञान को पृथ्वी-वासियों के कल्याण हेतु और वर्णाश्रम धर्म, योग, नैतिकता और आचरण आदि सम्बंधित ज्ञान का प्रसार / शिक्षा देते हैं. वैदिक और पुराण साहित्य इतना विशाल है कि इसका 10% भी पढ़ना / जानना एक जीवनकाल में संभव नहीं है “धर्म सनातन साइट” इस अथाह ज्ञान में से अत्यंत उपयोगी ज्ञान छांट कर सनातनी हिंदुओं को उपलब्ध कराता है , जिन्हें वर्तमान युग और उनके परिवेश के कारण सनातन धर्म, संस्कृति और परंपराओं पर सही ज्ञान तक पहुँच नहीं है

भगवान् की कृपा धन, संपत्ति, ऐश्वर्य, वैभव, मान-सम्मान, पदवी, प्रतिष्ठा आदि नहीं...

हिन्दू का अर्थ, जो हमने सुना है परिकल्पना है असत्य...

८४ लाख योनि विषय क्यों जानना आवश्यक है? सभी...

क्या आप जानते हैं – दीपावली रावण वध से भी...

भगवान् की कृपा धन, संपत्ति, ऐश्वर्य, वैभव, मान-सम्मान, पदवी, प्रतिष्ठा आदि नहीं है! जी हाँ ! यह तो आपके ही कर्मों का...

हिन्दू का अर्थ, जो हमने सुना है परिकल्पना है असत्य है ! हिन्दू शब्द के अर्थ को साहित्यकारों और इतिहासकारों...

८४ लाख योनि विषय क्यों जानना आवश्यक है? सभी हिन्दुओं के लिए सनातन धर्म के सत्य, रहस्य और वैज्ञानिक...

क्या आप जानते हैं – दीपावली रावण वध से भी पहले मनाई जाती थी! – 🌟 आनंद रामायण का एक...


धर्मस्तिष्ठति केवलम् ! संसार में मनुष्य का श्रेष्ठ सुहृद् धर्म ही है। वही परलोक में साथ देता है। वहाँ इसके...

चारों पुरुषार्थ (धर्म अर्थ काम मोक्ष) के मूल में धर्म है । भाग १ में हम “धर्म” क्या है यह...

भाग 2- भगवान् शंकर की अद्भुत महिमा ! – शिवलिंग के प्रकार भेद तथा माहात्म्य “सर्वो वै रुद्रस्तस्मै रुद्राय नमो अस्तु...

माँ दुर्गा ! नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः आदिशक्ति ही परब्रह्म परमात्मा हैं ! जगत-जननी , महाशक्ति ही परब्रह्म परमात्मा...

सकल मनोरथ सिद्धि–दाता आशुतोष भोलेनाथ भगवान् शंकर की अद्भुत महिमा ! शान्तं पद्मासनस्थं शशधरमुकुटं पञ्चवक्त्रं त्रिनेत्रं शूलं वज्रं च खड्गं...

इस लेख भाग -4 में किन रामायण ग्रंथों के बारे में चर्चा है भाग १ में बहुत प्राचीन भुशुण्डि रामायण...

‘नमामि त्वां गणाधिप !‘ गणाधिप नमस्तुभ्यं सर्वविघ्नप्रशान्तिद । उमानन्दप्रद प्राज्ञ त्राहि मां भवसागरात् ॥ हरानन्दकर ध्यानज्ञानविज्ञानद प्रभो । विघ्नराज नमस्तुभ्यं...

रामायण कितनी हैं ? (भाग-3) आनंद रामायण – संस्कृत रामायणों में एक अनोखा , बहुमूल्य महाग्रंथ इस लेख भाग 3 में...

श्री गणेश भगवान् की विलक्षण महिमा !!! भाग १ – भगवान् गणेश की अग्रपूजा (प्रथम-पूज्य) का रहस्य सुमुखश्चैकदन्तश्च कपिलो गजकर्णकः ।...

भाग २ में हम युग की विशेषताएं, उसके कारण, और उसके जीवों पर प्रभाव जानेंगे युगों की विशेषताएं जानना...

जानिए सनातन धर्म पूरे विश्व में बसे हिंदू जनों के लिए सनातन धर्म के विषय में उपयोगी और प्रमाणिक जानकारी देने...

अगर आप तब तो आपको ज्योतिष पर भी विश्वास करना ही होगा, भारतीय ज्योतिष बहुत उन्नत विज्ञान है बल्कि यह कहना...

पुनर्जन्म की सत्यता को समझने से पहले हमे कुछ प्रश्नो पर विचार करना आवश्यक है आस्तिक कहता है—‘अभी...

जिस तरह से सनातन धर्म का न आदि है न अंत उसी तरह से सनातन धर्म ग्रन्थ भी अनंत हैं , वेद...

मोक्ष का साधारण अर्थ जो हम समझते हैं (मोक्ष क्या है? — संक्षेप, मार्ग और लक्षण ) मुक्ति, कैवल्य (सांख्य योग)...

हिन्दू का अर्थ, जो हमने सुना है परिकल्पना है असत्य है ! हिन्दू शब्द के अर्थ को साहित्यकारों और इतिहासकारों...

भाग 2- भगवान् शंकर की अद्भुत महिमा ! – शिवलिंग के प्रकार भेद तथा माहात्म्य “सर्वो वै रुद्रस्तस्मै रुद्राय नमो अस्तु...

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‘नमामि त्वां गणाधिप !‘ गणाधिप नमस्तुभ्यं सर्वविघ्नप्रशान्तिद । उमानन्दप्रद प्राज्ञ त्राहि मां भवसागरात् ॥ हरानन्दकर ध्यानज्ञानविज्ञानद प्रभो । विघ्नराज नमस्तुभ्यं...

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अधिकतर पूजन- अनुष्ठान क्यों नहीं होते सफल ? विश्व भर में सनातनी हिन्दू जन पूजा पाठ हवन अनुष्ठान इत्यादि करते है, अधिकतर पूजन आदि कुछ...

पुनर्जन्म की सत्यता को समझने से पहले हमे कुछ प्रश्नो पर विचार करना आवश्यक है आस्तिक कहता है—‘अभी...

मोक्ष का साधारण अर्थ जो हम समझते हैं (मोक्ष क्या है? — संक्षेप, मार्ग और लक्षण ) मुक्ति, कैवल्य (सांख्य योग)...

मृत्यु के उपरान्त किसकी क्या गति होती है … उसके शास्त्रीय सिद्धांत ! ८४ लाख योनियाँ जिसमें केवल मनुष्य योनि ही कर्म योनि है बाकी सब भोग...

भाग्य को ही हम प्रारब्ध, दैव, होनी, विधि का विधान, नियति, तकदीर, नसीब, fate, destiny आदि नामों से जानते हैं। इस लेख में हम समझेंगे भाग्य या...

भगवान् की कृपा धन, संपत्ति, ऐश्वर्य, वैभव, मान-सम्मान, पदवी, प्रतिष्ठा आदि नहीं है! जी हाँ ! यह तो आपके ही कर्मों का...

८४ लाख योनि विषय क्यों जानना आवश्यक है? सभी हिन्दुओं के लिए सनातन धर्म के सत्य, रहस्य और वैज्ञानिक...

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